2000 का नोट कि चोट या खोट

 क्या सही मे 2000 का नोट बंद करना चाहिए था ?

जब देश मे नोट बंदि हुई थी तब सरकार ने कहा था कि इससे देश के काले धन कोखतम करने के लिए किया ग्या था जब भी कांग्रेश ने सरकार कि मनसा पर सवाल खडे. किए थे ? कि जब सारा रुपिया बेंको मे जमा हो गया तो काले धन कहा रह ग्या हैं

एक बात जरुर थी कि नोट बदी के दोरान ही जम्मु ओर कस्मिर के बेन्को मे आए दिन आतंकियो ने कई महिनो तक लुटने कि घटनाओ को अंजाम दिया था जिस्से यदी देखा जाए तो यह लगता था कि पकिस्तान से आने वाला दो नम्बर का पेसा बंद हो ग्या था जिस्से आतंकियो को खरचे के लाले पड. गए थे इस्लिये बेंक लुटने कि घटनाए ज्यादा हो गई थी ओर साथ हि पाकिस्तान के हालात भी खराब हो गए थे ?

लेकिन अब सरकार ने एक बार ये ऐलान किया की सितम्बर तक आप लोग 2000 के नोट बदली कर सक्ते हैं अब आगे से ये नोट देश मे चलन मे नही रहेगे । ओर एक बार मे 20000 तक के रुपय बदली कर सक्ते हैं ।

जेसे ही ये खबर सबके सामने आई तो आम जनता ने तो कुछ नही कहा लेकिन देश के विपक्ष ने , इस फेसले को गलत बाताया ओर कहने लगे की सर्कार यह बाताए की कोन सा फेसला गलत था सारकार का , पहले वाला या अब वाला, यदि बंद हि करने थे तो पहले इनहे सोच समझ कर क्यो नही चालाया ?

यदी देखा जाए तो देश मे 2000 के नोट आम जनता के पास ना होकर केवल धनी ओर दो नम्बर के काम करने वाले लोगो के पास हि रह गए हैं ओर देश मे अनेक छापो के दोरान केवल 2000 के नोट ही पाए गए थे 500 के नोट तो केवल नाम मात्र पाए गए थे अत: सरकार ने इन लोगो पर हि नकेल कसने के लिए , अब 2000 के नोट चलन से बाहर किए हैं ताकि छुपे धान को मर्केट मे लाया जा सके ओर दुसरा यदी पकिसतान ने ये बनाने सुरु कर दिए तो फिर से पाकिसतान का प्लान फेल हो जाएगा ?

देश का विपक्ष चाहे जानते हुए भी कुच ना कहे कि पहले नोट्बंदि ओर अब 2000 के नोट का चलन से बाहर करना सही रहेगा? क्योकी इनहोने तो केवल सरकार पर सवाल पेदा करने हैं सही बाट नही बोलना हैं यदी बोला तो ये सरकार कि निती सही साबित होती चली जाएगि ओर फिर इनका कही तक भी नम्बर आने वाला नही हैं?

इन सब के बिच यदी किसि को नुक्सान यदी हुआ तो देश कि विपक्ष कि पार्टियो को हि हुआ हैं क्योकी इनकि सोर्स आफ इंकम इन दोनो फेसलो की बली चाढ गया लग रहा हैं ओर इन्हे पेसे कि कमी का सामना करना पड. रहा हैं ओर जिस्से ये चुनावो मे अपना मक्सद पुरा नही कर पा रहे हैं इसी कारन सभी पार्टिया सर्कार का सबसे ज्यादा विरोध कर रही है।

अंत मे यही कहना चाहुगा की सभी पार्टियो को वोट बेंक कि निती से उप्पर उठकर देश हित कि राजनिति करनी चाहिए ताकि देश कि फायदा हो ओर देश विकास करे ।

Comments

Popular posts from this blog

नई सन्सद पर विचार अनेक

भारत की विदेश नीति के निर्धारक तत्व,(bhartiya videsh niti ke nirdharak tatva)

भारत जोड़ो यात्रा -कांग्रेस