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समय के काल चक्कर ने सब बदल दिया- 2023

  समय के काल चक्कर ने सब बदल दिया   श्री राम जी जो सदियो(500 साल) तक टेंट मे रहने के बाद मे,एक भव्य मंदिर मे 22 जनवरी 2023 को विराज मान होंगे । देश मे श्री राम जी का मंदिर बनाने के लिए बी जे पी का,कोंग्रेस ओर दुशरी पार्टियो ने राम मंदिर बनाने पर मजाक  सुरु कर दिया था कि मंदिर वही बनाएगे लेकिन तारिख नही बतयेगे ?  2014 मे समय ने करवट ली ओर देश कि राजनित्ति मे बद्लाव आया ओर बी जे पी कि सरकार आई ओर मंदिर पर चल रहे मुकदमे को योजाना सुनवाई लगवा कर फेसला हुआ की बाबरी मस्जिद की जगह मंदिर था ओर  मस्जिद के लिए अयोधया मे हि दुसरी जगह पर जगह दी जयेगी ओर वहाँ मसजिद बनेगी । अब 22 जनवरी 2024 को मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा हैं ।  देश मे धरम के नाम पर आए दिन दंगे होते थे ओर जान माल कि कोई सुरक्शा नही थी ओर कोई ठोस उपाए नही किए जाते थे ? कि किस तरह से इन दंगो पर रोक लगाइ जाए , लेकिन जब से यु पी  मे योगी जी मुखय मंत्री बने हैं जब से कानुन व्यवशथा सही हैं । अयोध्या मे श्री राम जी के मंदिर कि प्राण प्र्तिसठा के समय 14 से 22 जनवरी तक  दिपोउत्सव मन रहा हैं  22 जनवरी को पुरे देश मे श्री राम ज्योती जलाई जायेग

नीति आयोग की संरचना , नीति आयोग की पृष्ठभूमि

  नीति आयोग की पृष्ठभूमि 1947 ईस्वी में औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत के सामने एक गंभीर चुनौती यह थी कि वह भारत के विकास को सुनिश्चित करने के लिए किस प्रकार की शासन व्यवस्था को अपनाए। ऐसी स्थिति में, भारत ने विशुद्ध समाजवादी प्रारूप को अपनाना भी अनुचित माना था और पूर्ण रूप से पूंजीवादी शासन के स्वरूप को भी उचित नहीं माना था। इसलिए भारत ने अपनी आवश्यकता के अनुसार शासन व्यवस्था के मिश्रित प्रारूप का चयन करना उचित समझा था। लेकिन भारत द्वारा अपनाए गए शासन व्यवस्था के इस मिश्रित स्वरूप में भी भारत का अधिक झुकाव पूंजीवाद की तरफ न होकर, समाजवाद की तरफ ही रहा था। इस दौरान भारत ने अपना समाजवादी झुकाव तत्कालीन सोवियत संघ की ओर रखा था और भारत ने तत्कालीन सोवियत संघ की शासन व्यवस्था के आधार पर ही पंच वर्षीय योजनाओं के प्रारूप को अपनाया था और इसी के आधार पर देश के विकास का सपना देखा था। तत्कालीन भारत सरकार ने भारत के विकास से संबंधित इस सपने को पूरा पूरा करने के लिए एक कार्यकारी संस्था का गठन किया था और इस संस्था का नाम रखा गया था- ‘योजना आयोग’ (Planning Commission

9 साल मे सरकार के कया -2 कमाल,

 9 साल मे सरकार के कया -2 कमाल मई 2014 से लेकर मई 2023 तक का सरकार का सफर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रहित में विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का आरंभ करते आए हैं। वर्ष 2014 से लेकर 2023 तक मोदी सरकार द्वारा कई प्रकार कि  PM Modi Yojana   आरंभ की गई है। इन योजनाओं (कार्यक्रम) को अलग-अलग जैसे कि महिला कल्याण, युवा कल्याण, कृषि कल्याण आदि मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है। आपको उन सभी महत्वपूर्ण केंद्र सरकार की  सरकारी योजना  के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे, जो कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आरंभ की गई है। इनमें से कुछ योजनाएं बंद कर दी ,परन्तु कई नए कल्याणकारी योजनाएं वर्तमान में भी चल रही है। पीएम मोदी द्वारा किसानों के लिए शुरू की गयी योजनाएं PM Modi Yojana List for Farmers आर्टिकल लिंक  अंतिम तिथि   Corona Relief Package: पीएम किसान सम्मान निधि योजना अभी उपलब्ध है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2023 31 मार्च 2023 प्रधानमंत्री किसान कर्ज माफी योजना 2023 अभी तक तय नहीं प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना 3000 रुपये मासिक पेंशन अभी

भारत की विदेश नीति के निर्धारक तत्व,(bhartiya videsh niti ke nirdharak tatva)

सरकार कि विदेश निति - प्रश्न; विदेश नीति से आप क्या समझते हैं? भारतीय विदेश नीति के निर्धारक तत्वों का विवेचन कीजिए।  अथवा" विदेश का अर्थ स्पष्ट करते हुए, भारतीय विदेश नीति के सिद्धांतों की व्याख्या कीजिए।  अथवा" भारतीय विदेश नीति के आर्दश बताइए।  उत्तर--  भारत का विदेश मंत्रालय  (MEA) विदेशों के साथ  भारत  के सम्बन्धों के व्यवस्थित संचालन के लिये उत्तरदायी मंत्रालय है। यह मंत्रालय  संयुक्त राष्ट्र  में भारत के प्रतिनिधित्व के लिये जिम्मेदार है। इसके अतिरिक्त यह अन्य मंत्रालयों, राज्य सरकारों एवं अन्य एजेन्सियों को विदेशी सरकारों या संस्थानों के साथ कार्य करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में सलाह देता है। bhartiya videsh niti ke nirdharak tatva siddhant ;भू-भाग की दृष्टि से भारत विश्व में सात नम्बर और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरे स्थान पर आता हैं। इसलिए भारत की विदेश नीति विश्व की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ता हैं। स्वतंत्रता से पूर्व भारत की कोई विदेश नीति नही थी, क्योंकि भारत ब्रिटिश सरकार के अधीन था। भारत अब एक स्वतंत्र और प्रजातांत्रिक राष्ट्र हैं। 2 सितम्बर 1946

2000 का नोट कि चोट या खोट

 क्या सही मे 2000 का नोट बंद करना चाहिए था ? जब देश मे नोट बंदि हुई थी तब सरकार ने कहा था कि इससे देश के काले धन कोखतम करने के लिए किया ग्या था जब भी कांग्रेश ने सरकार कि मनसा पर सवाल खडे. किए थे ? कि जब सारा रुपिया बेंको मे जमा हो गया तो काले धन कहा रह ग्या हैं एक बात जरुर थी कि नोट बदी के दोरान ही जम्मु ओर कस्मिर के बेन्को मे आए दिन आतंकियो ने कई महिनो तक लुटने कि घटनाओ को अंजाम दिया था जिस्से यदी देखा जाए तो यह लगता था कि पकिस्तान से आने वाला दो नम्बर का पेसा बंद हो ग्या था जिस्से आतंकियो को खरचे के लाले पड. गए थे इस्लिये बेंक लुटने कि घटनाए ज्यादा हो गई थी ओर साथ हि पाकिस्तान के हालात भी खराब हो गए थे ? लेकिन अब सरकार ने एक बार ये ऐलान किया की सितम्बर तक आप लोग 2000 के नोट बदली कर सक्ते हैं अब आगे से ये नोट देश मे चलन मे नही रहेगे । ओर एक बार मे 20000 तक के रुपय बदली कर सक्ते हैं । जेसे ही ये खबर सबके सामने आई तो आम जनता ने तो कुछ नही कहा लेकिन देश के विपक्ष ने , इस फेसले को गलत बाताया ओर कहने लगे की सर्कार यह बाताए की कोन सा फेसला गलत था सारकार का , पहले वाला या अ

नई सन्सद पर विचार अनेक

 आज दिनाक 28 मई 2023 को प्रधान मंत्री जी ने नई संसद का उद्घाटन किया जिसके कारण विपक्ष ने सविधान की दुहाई देकर पी. एम. मोदिजी कि जगह देश कि रास्ट्पति जी से कराने के लिए उद्घाट्न का विरोध किया गया लेकिन 28 मई 2023 को मोदिजी के द्वारा ही किया गया ओर साथ ही आज के दिन हिंदु नायक वीर सावर्कर जी का जन्म दिवस था साथ हि विधान सभा अपीकर के पास संगोल कि स्थापना कि गई । अब अनेक पार्टियो ने अनेक विचार अपने अपने हिसाब से दिए हैं जेसे- बिहार कि नितिस वाली पार्टी ने कहा है कि ये संसद तो ताबुत के रूप मे बनाई हैं जिसका पता बी जे पी को 2024 के चुनाव मे चल जायेगा इसका जवाब मे बीजेपी ने कहा की ये आपकी मांसिक्ता को दर्साता हैं कि आप क्या चाहाते हैं ओर 2024 मे पता चल जयेगा कि तबूत किसका हैं ? ललन सिह- ने कहा कि यदी हमारी सरकार आई तो इसे कबाड बना देंगे। जेडीयु - नए संसद भवन का ओचित्य क्या हैं ? राहुल गांधी - ने कहा की मोदी उद्घाटन को राज्येभिसेख समझ रहे हैं। प्रिंका- अह्न्कार ओर अनयाय देश देख रहा हैं सुप्रिया- आज संसद मे मोदी का राजतिलक दिखाई दिया खड्गे- लोकतंत्र इ

Congress Party

 सायद राहुल गान्धी जनत्ता को पागल समझ रहा है या फ़िर वो देश कि सत्ता के लायक नहि है ?  दोस्तो जब से काग्रेश पार्टी सरकार से बहर हुई है तब से इस  ने अपने रुख मे जो बदलव  किया है वह बहुत ही  चकित करने वला है, क्योकि जिस पार्टी ने देश पर आजादी के बाद लगतार  राज किया ओर तो ओर इस पार्टी को एक ही परिवार ने चालया है ओर अपने घर के सदस्य को ही, प्र्धान मन्त्री बनाया है, यदि प्र्धान मन्त्री नही बना है तो इसी परिवार ने अपने  हिसाब से ही, प्र्धान मन्त्री  बनाया है जो इस परिवार ने सोचा वो ही सरकार से कराया है। इस  काग्रेश ने ही हमारे देश मे 1990-95 तक तो प्र्धान मन्त्रियो की लाइन लगा दी थी  जिसने भी इसका कहना नही माना,उसी कि सरकार को गिरा  दिया था, इस पार्टी  ने  बी जे पी की  एन डी ए  समर्थन  वली सरकार को भी  नही चलने दीया था?  परन्तु जब से मोदी जी कि सरकार बनी है ओर जो भी  निर्ण्य लिये है  जो  चाहे फ़िर  काग्रेश  कि पुरानी भूल्लो को ही, क्यो ना सुधारा ग्या हो या फ़िर देश कि ऐकता ओर सम्प्रभुता के लिये निर्णय़ किया गया हो,काग्रेश ने बी जे पी के किसी भी  निर्णय़  का  साथ नही दिया है,