Congress Party
सायद राहुल गान्धी जनत्ता को पागल समझ रहा है या फ़िर वो देश कि सत्ता के लायक नहि है ?
दोस्तो जब से काग्रेश पार्टी सरकार से बहर हुई है तब से इस ने अपने रुख मे जो बदलव किया है वह बहुत ही चकित करने वला है, क्योकि जिस पार्टी ने देश पर आजादी के बाद लगतार राज किया ओर तो ओर इस पार्टी को एक ही परिवार ने चालया है ओर अपने घर के सदस्य को ही, प्र्धान मन्त्री बनाया है, यदि प्र्धान मन्त्री नही बना है तो इसी परिवार ने अपने हिसाब से ही, प्र्धान मन्त्री बनाया है जो इस परिवार ने सोचा वो ही सरकार से कराया है।
इस काग्रेश ने ही हमारे देश मे 1990-95 तक तो प्र्धान मन्त्रियो की लाइन लगा दी थी
जिसने भी इसका कहना नही माना,उसी कि सरकार को गिरा
दिया था, इस पार्टी ने बी जे पी की एन डी ए समर्थन वली सरकार को भी नही चलने दीया था?
परन्तु जब से मोदी जी कि सरकार बनी है ओर जो भी निर्ण्य लिये है जो चाहे फ़िर काग्रेश कि पुरानी भूल्लो को ही, क्यो ना सुधारा ग्या हो या फ़िर देश कि ऐकता ओर सम्प्रभुता के लिये निर्णय़ किया गया हो,काग्रेश ने बी जे पी के किसी भी निर्णय़ का साथ नही दिया है, क्या कारण हो सकता है?
जिससे यह सन्देह पैदा होता है कि फ़िर काग्रेश किस निति को लेकर ,आज तक राज करती आ रहि थी ? क्या था इस् काग्रेश पार्टी के मन मे ? जो ना तो अपने द्वरा बनये गये नियमो को अछ्छे से लागू करने का समर्थन करती है ओर ना ही बी जे पी के बनाये गये नीयमो ओर कानुन का समर्थन करती है ओर तो ओर यदि पाकिस्तान के खिलाफ़ यदि कोई ठोस कार्येवाही कि जाती है तो भी सरकार पर सवाल सवाल उठायॆ जातॆ है। आखिर क्यो ?
एक निस्चित कारण को सरकार के सामने रख कर सवाल किये जा सकते है लेकिन सभी कारणो मे सिरफ़
अपनी पार्टि कि राजनीत्ती के विषए मे ही, विचार करना क्या शोभा देता है? साथ ही यदि सैना के किए गए काम पर सवाल करना क्या? लोगो के मन मे शक पैदा नही करता है कि जिस पार्टी के राज मे जो लडाईया हुई
ओर उसमे जो सैनिक सहिद हुये थे ? क्या उसमे कुछ एसा हुआ था जो ये पार्टी आज सावाल उठा रही है? जो सैनिक उस समय सहिद खुए थे क्या कोई साजिस के सिकार हुए थे ?
क्या उन सहिद सैनिको को बाचाया जा सक्ता था ? उस समय जो सैनिक अपाहीज होकर, परेशनियो मे ही,जिवन बिता गये थे? उन सैनिको का क्या कसुर था
?
क्या काग्रेस पार्टी के खिलफ़ सहिद सैनिक, चाहे वो फ़िर ARMY, AIR FORCE, NEVY, ITBP, SSB, BSF, CRFP, के साथ साथ किसी भी राज्य कि पुलिस का जवान ही क्यो ना हो साथ मे वॊ सेनिक ओर राज्यो कि पुलिस के जवान जॊ इस समय ड्य़ूटी कर रहे है
उनके परिवारो के लोग एक आन्दोलन सुरु करे
कि हमने ऐसे विचारो वाली पार्टी को वॊट ही नही करना
है जो जवानो के काम का सबुत मागे ओर देश को नुक्शान पहुचाने वाली विचार
धारा का समर्थन करे?
इस विचार से एक जग्रिति उत्पन्न हो
सकती है ओर हमारे देश कि राजनिति को बदले मे अहम भुमिका अदा कर सकती है। साथ साथ वोट बॆक कि राज निति कर्ने वालो का भी एक अच्छा सन्देश दिया जा सक्ता है
कि अब उनके
अकेले से उन कि राज निति नहि चल सक्ति है?अब वो स्वाल जो काग्रेस पार्टी ने सरकार से किए या मिडीया से कहे :- क्या सही है ?
1 उरि सहादत का बदला लिया, तो उस पर भी सवाल कर दिया?
2 पुलवामा IED विस्फ़ोट पर जवानो कि सहदत पर भी स्वाल ?
3 सरकार ने जो एयर स्ट्र्राईक बालाकोट मे कि थी, उस पर ही सवाल कर दिये ओर सैना को सबुत दिखने को कह दिया?
4 राहुल गान्धि ने जो उल्टे शिधे सवाल सरकार पर उठाऎ थे उनका प्रयोग पाकिस्तान ने यु.एन मे किया था?
5 जब सीमा पर चिन से, डोक्लाम मे विवाद चल रहा था तो राहुल गान्धि बिना सरकार कि अनुमति के चिनी राजदुत से जा मिले ? उस टाईमिग पर सवाअल नही उठते है?
6 विदेश मे जाकर देश कि सरकार के बारे मे, जो बाते करते है उस्का क्या मक्सद है?
7 देश हित मे धारा 370 ओर 35ए को,सरकार जब हटा कर नेहरु जी, कि गलति का सुधार करती है तब भी
उस बिल का विरोध किया जाता है, पता नही किस निति के तहत किया जाता है?
8 राम मन्दिर के मुद्दे को हल कराने मे, काग्रेश कि क्या भुमिका रही सब जानते है ?
9 सी.ए.बी/सी.ए.ए के विरोध मे,जो विचार इस पार्टि ने,सबके सामने दिये वो भी देश के महोल को खराब करने कि कोशिशि की गई थी ? जो क्या सही है?
10. इस पार्टी ने एन.आर.सी, आधार कार्ड, जी.एस.टी आदी योजनाओ को लाने के बावजुद,बीज़ेपी सरकार ने इसे अच्छी तरह से लागू किया तो, इस पार्टि ने इन योजानाओ का विरोध किया जो क्या सहि है?
11 कोरोना काल मे भी इस पारटी ने सिर्फ़ आपने वोट बॆक के लिये ही राज निति ही नाजर आती क्या सही है?
12. अब जब सीमा पर चीन के साथ विवाद चाल रहा है, तो इसमे भी एक गन्दी राजनिती राहुल गान्धी ने कि क्या सही है ? एक तरफ़ हमारे 20 जवान शहिद हो गऎ ओर सब पता होने के बाद भी,जावनो के काम के साथ, सरकार पर सवाल किया क्या सही ? जबकि देश कि सभी पार्टियो ने देश हित मे सरकार के साथ होने का प्र्न लिया है ।
यदी राहुल गान्धी को सरकार कि चिन के साथ सन्धीयो का पता नही है तो ये नेता बनने लायक नही है क्योकि सन्धीया इसकी सरकार मे ही हुई है ओर सराकार मे इनके आला किसी कि चलती ही नही ?
आखिर मे मै यही कहना चाहता हु कि जो नेता पिछ्ले 20 साल से शन्शद मे आ रहा है ओर वो पर्टी का मुखए नेता भी है ओर सायद राहुल गान्धी जनत्ता को पागल समझ रहा है या फ़िर वो देश कि सत्ता के लायक नहि है ?
इसका फ़ेसला जनता नॆ करना है।
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