भारत और पाकिस्तान के बीच हुए शनिवार रात संघर्षविराम
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए शनिवार रात संघर्षविराम की घोषणा होने के बाद भारतीय सेना ने रविवार शाम को पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.
इसमें सेना की तरफ से डीजीएमओ लेफ़्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर फ़ोर्स की तरफ से डीजीएओ (एयर ऑपरेशन्स) एयर मार्शल एके भारती और नौसेना के डीजीएनओ (नेवल ऑपरेशन्स) वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे जानकारी दी है.
इस दौरान एयर मार्शल एके भारती ने जिन ठिकानों पर छह और सात मई की दरमियानी रात को भारत ने हमले किए थे, उन जगहों के पहले की और बाद की तस्वीरें दिखाई और समझाया कि सेना ने कैसे सेना से जुड़े ठिकानों (एयर डिफेन्स सिस्टम, रडार और अन्य उपकरणों को निशाना बनाया) और आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सेना के अधिकारियों ने बार-बार कहा कि सेना की "कार्रवाई सीमित, नपी-तुली और सटीक रही है", हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि "अगर देश के लिए ख़तरा पैदा होगा तो उसका जवाब दिया जाएगा." लेफ़्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पहलगाम हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि "सेना पर बीते कुछ वक्त में कई आतंकवादी हमले हुए हैं".
उन्होंने कहा, "बीते दिनों पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर आतंकवादी हमला हुआ, जिसके बाद ये अंदाज़ा हो गया कि हमें एक देश के तौर पर अपनी सशक्त प्रतिबद्धता दिखानी ही होगी."
उन्होंने कहा, "इसके बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' की परिकल्पना की गई जिसका उद्देश्य आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने वालों, इसकी योजना बनाने वालों को सज़ा देना और उनके आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था."
उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा, "इसके बाद सेना ने सीमापार आतंकवादियों के ठिकानों को चिन्हित किया. इस दौरान पता चला कि इनमें से कुछ ठिकानों को पहले से ही खाली कर दिया गया है और वहां कोई नहीं है."
"साथ ही हम पर भी ये हिदायत थी कि हम केवल आतंकवादियों को ही निशाना बनाएं और जितना हो सके कोलैटरल डैमेज न होने दें."
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