गलवान घाटी (Galwan Ghati)
गलवान घाटी मे आखिर कया हूआ कि दोनो सैनाओ के बिच इताना ज्यादा तनाव पैदा हो गया ?
मै एक पुर्व सैनिक होने के नाते आपने कुछ विचार आप सभी के सामने जा रहा हू ओर कुछ सवाल है जिनके आम हमारे जहन मे आते है जो इस प्रकार से है:-
1. हमारे सैनिक जो आम तोर पर शान्ति के दुत होते है जो गलवान घाटी मे यमदुत कैसे बन गये ?
विचार :- गलवान घाटी मे 15-16 जुन कि रात को पक्का कुछ ऎसा हुआ था जिसके कारण हमारे सैनिको को ये सब कुछ किया ? जो बाद मे सरकार, सैना ओर हमारे टी वी मीडीय़ा से पता चला था कि पहले हमारे एक कर्नल सहाब को चीनी सैनिको ने धोखे से गम्भिर रुप से घायाल कर दिया था जो बाद मे शहिद हो गये थे। इस घाटना को देख कर चाहे,हमारे नेताओ को राजनिति सुझे पर,उस समय जो हमारे सैनिक ये सब देख रहे थे वो,उसे घट्ना के बराबर था कि अपने पिता जी को, हमारे सामने कोइ पिट रहा है, उस समय अन्दर जो उबाल उठता है? वो उबाल हमारे सैनिको मे था ओर इसी कार्ण्, इस घट्ना ने ईतना भयानक रूप ले लिया। पर हमारे सैनिक लड.ते-2 शहिद हो गये पर अपनी सरकार के आदेशो को नही तोडा, चाहे फ़िर वो सन्धि चाहे कान्ग्रेश राज मे ही क्यो ना हुई हो?
2. हमारे सैनिको मे जोश ओर एकता का कारण क्या सरकार के आदेश है?
विचार :- हमारे सैनिको मे जोश ओर एकता का कारण सरकार के आदेश नही है। इसका कारण हमारी आन्त्रिक भावना है,जिसे लेकर सैनिक सैना मे आता है कि चाहे कुछ भी हो जाए पर पिछे नही हाटना है! ओर आपने देश झण्डा ऊचा रखना है। इसी के साथ -2 हमारी सैना मे, एक जवान के दुसरे जवान से ओर आपने आफ़िसरो से जो आपसी तालमेल है वो भावनात्मक है, जिस्से सभि मे एकता ओर भरोशा बानता है। इसी कार्ण हमारे देश कि सैना पुरे विश्व की सैनाओ मे, सबसे अलग पहचान बानाए हुए है।
3. क्या देश की सरकार को,सैना पर जमीनी हालात के हिसाब से, उचित कार्येवाही करने का आदेश देना चाहिए ?
विचार :- हमारे देश मे सरकार चाहे किसी भी पारटी कि हो, लेकिन सेना को उचित कार्वाहि करने कि आजादी होनी चाहिये, क्योकि सराकार के उदाशिन रवईये के कारान ही दुश्मन हामारी सेना के सामने कुछ गलत कराने कि हिमाकत करता है, फिर चाहे एल ओ सि हो या एल ए सी दोनो पर एक से हालात हो जाते हैं, इसमे नुक्शान हमारी सेना को उठाना पड.ता हैं ओर सरकार को कोइ फरक नही पडॅता हैं
4. जो पार्टी,60 साल से भी ज्यादा समय तक शाशन मे रही ओर उसमे भी,एक ही परीवार का राज रहा था ओर वो ही परिवार आज देश को कमजोर बता रहा है क्या इस प्राकार की भाशा कया देश हित मे सही हैं?
विचार :-आज जो हालात हुये हैं उसकी जीम्मेवार पिछ्लि सरकारे रही है ओर अब गलति करने वाले ही, सरकार के कदाम पर सवाल उठा रहेे हैं,जो गलत है ऐसे समय मे देश कि सभी पर्टियो को एक जुटता दिखानी चाहिये थी पर जो पार्टी 60 साल से भी ज्यादा समय तक शाशन मे रही ओर उसमे भी एक ही परीवार का राज रहा ओर वो ही परिवार देश को कमजोर बता रहा है कि हम चिन से कमजोर हैं? ये उस परीवार ओर पार्टी कि मानसिक्ता को दर्शाता हैं जो उन्के अंदर छुपि हुई थी ? क्या इसी वजह से गाधी परिवार ने अपने राज मेे कभी भी china के खिलाफ कोई मजबुत कदम नही लिये थे ? या फिर कोइ ओर वजह हो है जिसे ये परिवार देश कि जानता के सामने नही बताना चाहाता हैंं तो क्या येे देेश की जनता के साथ देश द्रोह वाला धोखा नही हैैं?
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